निवेश
विदेश में निवेश के इच्छुक भारतीय उद्योगों को सुविधा देना
भारत कई खनिजों से सुसम्पन्न है। तथापि, इसके कई खनिजों (ऊर्जा और धात्विक दोनों) के संसाधनों की जानकारी कम हैं, जबकि इस संसाधन आधार को बढ़ाने के लिए गवेषण प्रयास खान मंत्रालय के जारी प्रयास हैं, पि र भी यह अन्य संबंधित मंत्रालयों के सहयोग से भारतीय उद्योग को इसकी कच्ची सामग्री की सुरक्षा के लिए सुविधा हेतु प्रयास कर रहा है। यह मित्र देशों को अपने संसाधनों का विकास करने और अपने भू वैज्ञानिकों के प्रशिक्षण में सहायता करने के लिए जीएसआई, आई बी एम, एमईसीएल और अन्य एजेंसियों की भी सेवाएं लेता है। विदेशी धात्विक खनिजों में कुछ प्रमुख भारतीय निवेश का विस्तृत विवरण अनुबंध 7.5 में दिया गया है। खान मंत्रालय ने उद्योग संघों को बढ़ावा देने की दृष्टि से भारत और विदेशों में सेमिनारोें, कार्यशालाओं और सम्मेलनों को आयोजित करने और भाग लेने के लिए अनुदान देने की स्कीम को भी कार्यान्वित किया है। वर्ष 2010-11 के दौरान निम्नलिखित कार्यकलापों के लिए राशि दी गई थी। कार्यकलापों की सूची तालिका 7.2 में दी गई है।
तालिका 7.2
संगठन का उद्देश्य राशि
नाम (` लाख में)
भारतीय उद्योग वैश्विक खनन सम्मेलन 5 लाख
परिसंघ कोलकाता
(सीआईआई)
भारतीय खनिज प्रौद्योगिकी और वित्तीय 5 लाख
उद्योग परिसंघ उपकरणों के माध्यम से लौह
(पि मी) अयस्क मूल्य संवर्घन
संबंधी सम्मेलन, गोवा
भारत को एक आकर्षक खनन केंद्र के रूप में प्रोजेक्ट करने के लिए खान मंत्रालय ने औद्योगिक नीति और सवंर्धन विभाग और एसौचेम के साथ संयुक्त प्रयासों से भारत निवेश के साथ समझौता भी किया है।